Tuesday 23 August, 2011

kranti

हो चुकी है  पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

Thursday 9 June, 2011

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है;
मगर धरती की बैचैनी को बस बादल समझता है.
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है;
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है.

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है;
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है.
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आंसू हैं,
जो तू समझे तो मोती हैं जो ना समझे तो पानी है.

समंदर पीर का अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता,
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता.
मेरी चाहत को अपना तू बना लेना मगर सुनले 
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता

भंवर कोई कुमुदिनी पर मचल बैठा तो हँगामा,
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हँगामा.
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हँगामा.

                                                  - कुमार विश्वास

Wednesday 23 March, 2011

VishVaas


ना मिला तेरा पता तो मुझे लोग क्या कहेंगे,
यूँ ही दर बदर रहा तो मुझे लोग क्या कहेंगे!

मैं चला तो हूँ सुनाने उसे दास्ताँ वफ़ा की,
कोई हादसा हुआ तो मुझे लोग क्या कहेंगे!

ये जहाँ ना जाने क्या क्या मुझे कह रहा है लेकिन,
कभी तुमने कुछ कहा तो मुझे लोग क्या कहेंगे!

यूँ ही नहीं हो आये तुम ज़िन्दगी में मेरी,
कुछ तो असर रहा होगा बन्दगी में मेरी!

ज़िन्दगी के मरहले आसान होते जायेंगे,
आप इस दिल के अगर मेहमान होते जायेंगे!

इश्क की राहों में गुजरेंगे हजारों हादसे,
हार के वो जीत के मेहमान होते जायेंगे!

जीत लूँगा मैं जहाँ की मुश्किलों को एक दिन,
राह के पत्थर सभी इंसान होते जायेंगे!

हौसले मेरे जहाँ में देखने की चीज़ है,
देखने वाले सभी हैरान होते जायेंगे!

आप इस दिल के अगर मेहमान होते जायेंगे!
                                                       - बेताब लखनवी