ना मिला तेरा पता तो मुझे लोग क्या कहेंगे,
यूँ ही दर बदर रहा तो मुझे लोग क्या कहेंगे!
मैं चला तो हूँ सुनाने उसे दास्ताँ वफ़ा की,
कोई हादसा हुआ तो मुझे लोग क्या कहेंगे!
ये जहाँ ना जाने क्या क्या मुझे कह रहा है लेकिन,
कभी तुमने कुछ कहा तो मुझे लोग क्या कहेंगे!
यूँ ही नहीं हो आये तुम ज़िन्दगी में मेरी,
कुछ तो असर रहा होगा बन्दगी में मेरी!
ज़िन्दगी के मरहले आसान होते जायेंगे,
आप इस दिल के अगर मेहमान होते जायेंगे!
इश्क की राहों में गुजरेंगे हजारों हादसे,
हार के वो जीत के मेहमान होते जायेंगे!
जीत लूँगा मैं जहाँ की मुश्किलों को एक दिन,
राह के पत्थर सभी इंसान होते जायेंगे!
हौसले मेरे जहाँ में देखने की चीज़ है,
देखने वाले सभी हैरान होते जायेंगे!
आप इस दिल के अगर मेहमान होते जायेंगे!
- बेताब लखनवी
- बेताब लखनवी