मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है;
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है.
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है;
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है.
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आंसू हैं,
जो तू समझे तो मोती हैं जो ना समझे तो पानी है.
समंदर पीर का अन्दर है लेकिन रो नहीं सकता,
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता.
मेरी चाहत को अपना तू बना लेना मगर सुनले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
भंवर कोई कुमुदिनी पर मचल बैठा तो हँगामा,
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हँगामा.
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हँगामा.
- कुमार विश्वास